खाली हुनक बाते छलै फूल सन
बाँकी बचल सबटा छलै शूल सन
खंजर बनल नैनक कमल कोर छल
ठोरक त' लाली आगि जड़ मूल सन
बदलल किए सब आइ से जानि नै
छल नेह काँटक पैघ टा कूल सन
छै आब सपना देखब व्यर्थ सन
भेलै कहाँ ओ हमर अनुकूल सन
जाएब हम पागल भ' कहलौँ सते
छै "अमित" सब किछु भेल निर्मूल सन
2212-2212-212
अमित मिश्र
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