5.22 बानरक धमकी
बनरा अपन बनरीकेँ
एना क' धमकाबय
अपनाकेँ कैटरीना बूझें
बैसल हुकुम चलाबय
जरल बोली खूब सहलियौ
आब नै नखरा सहबौ
तोरा छोड़ि दिपीका श्रद्धासँ
गै वियाह एखने करबौ
सुनिते बोल बंदरिया गरजल
उठा ले बौआ ऐना
चुगला सन छौ मुँह देख ले
मारतौ दिपीका पैना
©अमित मिश्र
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