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शुक्रवार, 10 मई 2013

छुट्टीक बाद

बाल कविता-49
छुट्टीक बाद

निंघटि गेल सब मधुर-मिठाइ
अन्त भेल छठिक छुट्टी आइ
छूटल देर धरि फोंफ काटनाइ
भरि-भरि दिन नव खेल केनाइ
छुट्टीक बाद दुनियेँ बदलि जाइ
पीठपर बोझ बस्ताक उठाइ
इस्कूल जाए पड़तै दौड़ले भाइ

अमित मिश्र

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