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शनिवार, 11 मई 2013

नेनासँ सजय संसार

बाल कविता-50
नेनासँ सजय संसार

नै रहितै जँ धरतीपर नेनाक मधुर संसार यौ
नै रहितै मुस्कैत मुँह, रहितै उदास परिवार यौ

के करितै सदिखन मनमानी ?
के करितै छुच्छे नदानी ?
बात-बातपर कानब-खीजब
के करितै हास्यक किरदानी ?
बनि जैतै समाज निरस, अनमन बासी अखबार यौ
नै रहितै जँ धरतीपर नेनाक मधुर संसार यौ

के तोतरा कऽ गीत सुनबितै ?
के बाबाक कन्हापर चढ़ितै ?
बलजोरी बाबीसँ खिस्सा सुनितै
के काकासँ चोकलेट लुझितै ?
पालक बनबाक सुखद अनुभवसँ वंचित रहितै परिवार यौ
नै रहितै जँ धरतीपर नेनाक मधुर संसार यौ

के बनबितै नेहरूकें चाचा ?
के गढ़ितै लव-कुशक गाथा ?
गोकुल नगरी मरघट बनि जैतै
नै रहितै जँ कान्हा आ राधा
बिनु नेनाक ने जुअनका रहितै, सुनसान बजार यौ
नै रहितै जँ धरतीपर नेनाक मधुर संसार यौ

द्रोह करै जँ कोनो नेना
ठाढ़ होइ भगत सिंहक सेना
सुखदेव आजाद सुभाष गाँधी
नेनपनसँ छलथि देशभक्तीक ऐना
इतिहासक पन्ना खाली रहितै, बीझ लागल हथियार यौ
नै रहितै जँ धरतीपर नेनाक मधुर संसार यौ

नेनेसँ छै सुरभित जीवन
नै मौलाइ कखनो ई उपवन
पञ्चम सुर केर तान ई अनुपम
सूरज, चान यैह छै तरेगण
गंगा, यमुना केर निर्मल धारा
तिर्थ स्थल छै नेनाक ओसारा
नेना छै अनमोल रत्न सन, सुख भरल पेटार यौ
गम गम गमकैत धरतीक कण-कण जँ नेनाक संसार यौ

अमित मिश्र

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