प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

गुरुवार, 28 नवंबर 2013

गजल

एकटा गजल- 1.69

प्रेम करब नीक लगैत अछि हमरा
मीत बनब नीक लगैत अछि हमरा

आब तँ टाका परधान बनलै तेँ
नेत खसब नीक लगैत अछि हमरा

हमर हँसी छीन हँसै सभक मुख तेँ
खूब हँसब नीक लगैत अछि हमरा

दैत रहू चोट अहाँ हमर तनपर
घाउ भरब नीक लगैत अछि हमरा

लेखन छै पैघ नशा, तऽ रहि भूखल
गीत रचब नीक लगैत अछि हमरा

2112-2112-1222
अमित मिश्र

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