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मंगलवार, 17 दिसंबर 2013

सेनूर छै अनमोल (भाग-5)

सेनूर छै अनमोल (भाग-5)

राधा- छोरू हमरा (कछमछाइत हाथ छोड़ेबाक प्रयास करैत अछि ।) एक बेर कहलौं ने... सुनाइ नै दैत अछि...छोरू हमरा ।
श्याम- एते जल्दी कोना छोड़ि देब ।बुझल नै अछि अहाँकेँ !फेविकालसँ बेसी जोरगर होइ छै प्रेमक लस्सा ।एक बेर सटलाक बाद छुटि नै सकै छै ।
राधा- (तमसाइत ) अहाँ नै छोड़बै हाथ ।
श्याम- (नैमे मूड़ी डोलबैत) नै, किन्नहुँ नै ।
राधा- (जोरसँ हाथकेँ झटका दैत अछि ।श्यामक पकड़सँ हाथ छुटि जाइ छै ।राधा अलग भऽ जाइत अछि ।राधा दहिना हाथक मुट्ठी बंद कऽ औंठा ठाढ़ करैत अछि आ फेर औंठाकेँ नीचा कऽ मुँह दुसैत श्यामकेँ खिसियाबैत अछि ।) अहाँसँ कट्टी...कट्टी...कट्टी ।एक दुपहरियासँ अहाँक बाट जोहि रहल छी आ अहाँ एखन एलौं हेँ ।
श्याम- अच्छे...तँ ई बातक गोस्सा छै राधा रानीकेँ ।(कने रूकि कऽ) देखियौ...हमहूँ केहन पागल छियै...मेने बात बिसरि गेलियै ।(हाथ बला पैकेट राधा दिस बढ़बैत अछि ।राधा दोसर दिस मुँह घुमा लैत अछि ।) देखियौ एते रास बात भऽ गेलै आ वेलेन्टाइन गिफ्ट देनाइ बिसरि गेलियै...लिअ...लिअ ने ।(राधा नै लैत अछि ।राधाक एकटा हाथ पकड़ि पैकट ओकर हाथमे दऽ दैत अछि ।) हे एना नखरा जुनि देखाउ ।हमरा लेट करबैमे अहींक कसूर अछि ।
राधा- हँ हँ हमर कसूर किए ने रहतै !भरि दिन हमरा सता कऽ देरसँ ई एलखिन आ गलती ठहरलै हमर...वाह रे वाह...उनटे चोर कोतवालकेँ डाँटय ।
श्याम- अहाँक गलती नै तँ की हमर गलती छै ।अहाँक एतेक सुन्दर होइ लेल के कहने छलय ?एहन सुन्दर नारी लेल तँ गिफ्टो सुन्दरे चाही ने ? आब अहाँ जोकर गिफ्ट एते असानीसँ भेटै बला छैहे नै ।सगरो बजारक चक्कर लगाबऽ पड़लै तखन जा कऽ पसिनक गिफ्ट भेटल ।एहि दौड़-बरहामे देरी भऽ गेलै तँ हमर कोन गलती ?कने प्रेमक बात करत से नै, खाली रुसनाइये तँ जानै छी हमरे अहाँ ।हमरे पोसल बिलाई आ हमरेसँ म्याउँ ।
राधा- के कहने छलय गिफ्ट आनै लेल ?एतऽ टेंशनसँ मगजक नस टुकड़ी-टुकड़ी भेल जा रहल छै आ अहाँकेँ गिफ्ट सुझैए ।
श्याम- (हड़बड़ाइत) टेंशन...केहन टेंशन भऽ गेलै हमर राधा प्यारीकेँ...के दऽ देलकै टेंशन...नाम तँ बताउ...सारकेँ एतै प्राण हरि लेबै ।
राधा- वियाह...वियाह चलते टेंशन बनल अछि ।
श्याम- (उत्साहित होइत) वियाह...अरे वाह...वियाहक नाम सुनिते लोकक टेंशन निपत्ता भऽ जाइ छै आ अहाँकेँ टेंशन बनि गेल अछि ।एहन उलटबासी किए ?
राधा- बात तँ सत्ते कहलौं आहाँ ।वियाहक नाम सुनिते उत्तेजित भेनाइ स्वभाविक अछि, मुदा ई वियाह तँ बड पैघ टेंशन दै बला अछि ।
श्याम- हमरा संग वियाह करबामे कोनो टेंशनक बात नै अछि ।रानी बना कऽ राखब अहाँकेँ ।भारीसँ भारी टेंशनकेँ प्रेमक एक्कै टा फूँकमे दूर उड़ा देब ।हँ, कनेक टा टेंशन अछि ।अपना दुनू गोटाक वियाह लेल किछु दिन बाट जोहऽ पड़त ।ओना तँ हम तैयार छी, मुदा बड़का भैयाकेँ कुमार रहैत... नै नै भैयाक वियाह हुअऽ दियौ तकर बात हमर नम्बर आबि जेतै ।फेर धूम धामसँ दुनू गोटाक वियाह हेतै ।एकटा बात और वियाहक बाद शिमलाक पाँच सितारा होटलमे चलब हनीमून मनबैक लेल ।
राधा- श्याम, ई मजाख करबाक समय नै छै ।(कम जोरसँ) हमर ई वियाह अहाँ संग नै अछि, ककरो दोसर संग अछि ।

क्रमश:

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