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शुक्रवार, 20 दिसंबर 2013

सेनूर छै अनमोल (भाग-6)

सेनूर छै अनमोल (भाग-6)

श्याम- (आश्चर्यचकित होइत) ककरो दोसर संग वियाह...मने की अछि अहाँक ?
राधा- मने...मने हमर वियाह ठीक भऽ गेल अछि ।किछुए दिनमे हमर वियाह भऽ जाएत ।
श्याम- सचमे ई तँ बड पैघ टेंशन अछि ।किछु तँ करैये पड़तै ।
राधा- श्याम, हम अहाँ बिना नै रहि सकै छी ।हमर वियाह कमजोर घरमे ठीक भेल अछि ।दूर देहातमे रहऽ पड़त ।गोइठा पाथऽ पड़त...नै...नै...हमरासँ ई सब नै हएत ।हम आधुनिक सुख-सुविधाक तियाग नै कऽ सकब ।किछु करू श्याम, किछु करू ।
श्याम- (बेचैन होइत हाथपर मुक्का मारैत अछि ।)आह...की करी...किछु नै फुराइत अछि ।भैयासँ पहिने हमर वियाह, नै नै ई असम्भव अछि ।बाबू किन्नहुँ नै मानथिन ।
राधा- किछु होइ, हम अहाँकेँ छोड़ि ककरो आनकेँ वरण नै कऽ सकब ।हम मरि जाएब मुदा बजार छोड़ि भुच्चर देहातमे नै जाएब ।अहाँकेँ किछु सोचैये पड़त ।जेना होइ तेना एहि संकटसँ उबाड़ैये पड़त अहाँकेँ ।युग-युगसँ घटि आएल ई घटना आब नै भऽ सकत ।आब राधाकेँ छोड़ि कऽ श्याम नै जा सकैत अछि ।आब इतिहास नै दोहरा सकैत अछि ।किछु करू श्याम, किछु करू ।
श्याम- भावनामे नै उधियाउ राधा...भावनामे नै उधियाउ ।कने दिमागसँ सोचियौ ।आब एक्कै टा उपाय अछि ।अहाँकेँ ओकरासँ वियाह करऽ पड़त ।
राधा- (आश्चर्यचकित होइत) वियाह कऽ लियै...एना कोना वियाह कऽ लियै !अहाँकेँ कोना छोड़ि दियै ! अहाँकेँ ई बात बाजैत केहनो नै लागल !
श्याम- देखू राधा, हमरा संग मजबूरी अछि ।बात बुझैक प्रयास करियौ ।अहाँ एखन हुनकासँ वियाह कऽ लिअ ।बादमे जखन हमर भैयाक वियाह भऽ जेतै तखन अहाँसँ हम वियाह कऽ लेब ।
राधा- से कोना सम्भव छै ? की वियाहक बाद अहाँ हमरा स्वीकार कऽ लेब ?
श्याम- किए नै...किए नै स्वीकार करब, मुदा...
राधा- मुदा...मुदा की ?
श्याम- मुदा एक टा शर्त अछि ।
राधा- शर्त...केहन शर्त अछि ।
श्याम- जँ एहि अन्तरालमे अहाँ अपन सतीत्वक रक्षा केने रहबै तँ हम अहाँसँ सहर्ष वियाह कऽ लेब ।
राधा- ठीक छै ।अपन सुख-सुविधा लेल, अहाँ संग रहैक लेल, आधुनिकताक संग जीबैक लेल हमरा ई शर्त स्वीकार अछि ।वियाह कऽ लेब मुदा मोनसँ अहींक रहब ।ओकरा अपनासँ सटैयो नै देबै ।अपनाकेँ कुमाइये बुझब ।झुठउँका सेनूर लगाएब ।ओनाहितो सेनूरक मोले की छै, पाँच-दस टाका ।जखन मोने नै मिलतै तखन सेनूर लगेलासँ की हेतै ?
श्याम- वाह...अहाँ तँ अपने बुझनुक छी, सब गप बूझि गेलौं ।चलू बड भारी टेंशन खतम भेल ।आब तँ हँसि दिअ ।(राधा मुस्कियाइत अछि ।) ई भेलै ने बात ।चलू आब साँझ पड़ि गेलै...ओनाहितो आब वियाहक तैयारी करबाक अछि ।
राधा- (लजाइत) दूर जाउ...अहूँ बड मजाख करै छी ।ई वियाह कोनो वियाह छियै ।
श्याम- से तँ छैहे ।खैर चिन्ता नै ने करू ।जखन हमरासँ वियाह हएत तखन सबटा सऽख-मनोरथ पूरि जाएत ।हँ हनीमून बला बात इयाद राखब ...हा...हा...हा ।
(दुनू हँसऽ लागैत अछि ।नहूँ-नहूँ पर्दा खसैत अछि ।)

क्रमश:

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