बाल कविता-175 वर्णमाला : ऋ
'ऋ'सँ ऋषि हवन करै छथि पूजा-पाठमे मगन रहै छथि जंगलेमे ओ बास करै छथि बेसी दिन उपास करै छथि सुन्नर वेद-पुराण रचै छथि सबकेँ सुन्नर ज्ञान बाँटै छथि मिठगर-मिठगर गप कहै छथि धिया-पुताकेँ आशीष दै छथि
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