बाल कविता-199
वर्णमाला : ट
"ट"सँ टमाटर लाले लाल
तरकारीमे करय कमाल
आलू कोबी सीम मटर
करै छल बैगन अटर-पटर
आलू बाजल, हमर सन्ना
खा कऽ लोक बढ़य दुगुन्ना
बैगन बाजल हमर तरूआ
मीठ सोन्ह आ करकरूआ
कोबी बाजल खा कऽ भुजिया
खुशहाल भऽ जाइ छै दुखिया
सबमे फसलै बड़का झगड़ा
गारा-गारी रगड़म-रगड़ा
एलै टमाटर दौड़ल तखने
गप सुनू आइ बिना झगड़ने
सभक संगे हम मिलै छी
सभक स्वाद दुगुना करै छी
सबसँ पैघ हम छी भाइ
देखियौ खा कऽ चटनी आइ
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