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रविवार, 5 जुलाई 2015

वर्णणाला : ज

बाल कविता - 191
वर्णमाला : ज




"ज"सँ जहाज बौआ
"ज"सँ जहाज
उड़ै हवामे करै अवाज

मेघक उप्पर दौड़ रहल छै
सबसँ तेज यान चलल छै
उघब लोककेँ, एकर काज
"ज"सँ जहाज

चन्ना संग ई गप करै छै
तरेगण केर गाम घुमै छै
पहिराबै सूरजकेँ ताज
"ज"सँ जहाज

मुन्नी टीकट कटा रहल छै
टुन्नी थपड़ी बजा रहल छै
चढ़तै चुन्नी हवा जहाज
"ज"सँ जहाज


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