बाल कविता-215
वर्णमाला : क्ष
'क्ष'सँ क्षमा करू हे मैया
विनती हमरो सुनियौ ने
देवी जी सन गलतीपर
अहूँ डाँट सुनबियौ ने
सरजी जहिना सिखबै छथि
तहिना बात बुझबियौ ने
मम्मी जहिना कोर उठाबै
तहिना अहूँ उठबियौ ने
जहिना बाबू टाॅफी आनथि
तहिना लड्डू आनियौ ने
जहिना बाबी फोफी छानै
अहूँ बतासा छानियौ ने
हम जिवलाह एतबे माँगी
नीक-निकुत आनियौ ने
फूल चढायब भोरे भोरे
चुप्पेसँ बरफ मँगबियौ ने
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