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बुधवार, 20 अप्रैल 2016

बाज दुनूमे अंतर की

बाल कविता-237

*बाज दुनूमे अंतर की*

कौआ कारी कोइली कारी
दुनू घूमै बाड़ी झाड़ी
कहै छै दुनू मंतर की
बाज दुनूमे अंतर की

भैंसा कारी घोड़ा कारी
दुनू ढोबै ढोआ गाड़ी
लटकल दुनूक जंतर की
बाज दुनूमे अंतर की

मैयाँ नारी माइयो नारी
दुनू पहिरै ललकी साड़ी
दुनू पोसथि बंदर की
बाज दुनूमे अंतर की

अमित मिश्र

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