बाल कविता-268
पोथी
पोथी हमर मोटगर डटगर
रंग-विरंगक सभटा आखर
बढ़बै सदिखन हमर ज्ञान
बसथि एहिमे सभ भगवान
सुन्दर-सुन्दर फोटो पारल
सूरज चान तरेगण छारल
मकै गहुँम आ हरियर धान
पोथीमे उतरल छै खरिहान
देश-विदेशक बतबै हाल
बदलै आबिते नैका साल
सभकेँ बनबै छै विद्वान
हमहूँ बनबै पढ़ि गुणवान
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