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शनिवार, 23 दिसंबर 2017

मैथिली बाल कविता- परी लोकसँ एलै आँगन

बाल कविता- 271
परी लोकसँ एलै आँगन

परीलोकसँ एलै आंगन
रथ सोना केर छलै सजल
चक्का छल सोना केर तैमे
हीरा-मोती छलै जड़ल
सुन्दर-सुन्दर सातो घोड़ा
चलै जेना होइ हवा चलल
चमचम क' झूमर चमकै छल
घंटी टन टन क' बाजल
गमगम क' रथ गमकै छल
परी सारथि बनि बैसल
ओहि रथपर चढ़ि क' देखू
बौआ हमर आंगन आयल

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