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शुक्रवार, 19 जनवरी 2018

अक्कड़-बक्कड़

अझुका रचना- बाल कविता
286.अक्कड़- बक्कड़

अक्कड़-बक्कड़ लाल बुझक्कड़
बेचथि घरक लोहा लक्कड़
एक ठाम नै बैसल रहथि
आदतसँ ओ छथि घुमक्कड़
डाँरेपर डेरा छन्हि हुनकर
हालत हुनकर जेना फक्कड़

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