अझुका रचना- बाल कविता 286.अक्कड़- बक्कड़
अक्कड़-बक्कड़ लाल बुझक्कड़ बेचथि घरक लोहा लक्कड़ एक ठाम नै बैसल रहथि आदतसँ ओ छथि घुमक्कड़ डाँरेपर डेरा छन्हि हुनकर हालत हुनकर जेना फक्कड़
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