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मंगलवार, 13 नवंबर 2018

आबि गेलैए बदरा

5.26 आबि गेलैए बदरा

आइ झमाझम बर्षा बरसल मन भ' गेलै चंगा
दुरखा ओलती आंगन सेहो आइ बनल छै गंगा

करिया मेघ उड़ै छै जेना नाह चलै छै पानी
कखनो पुरबा कखनो पछबा हवा करै मनमानी

ठुमरी गजल दादरा सुनबै बेंगक साजल पाँती
कौआ मैना सुग्गा सुटकल बिसरि गेल छै प्राती

सहसह चाली चुट्टी पिपड़ी परेशान छै बाछी
भोरेसँ आइ नहा नहा क' मगन भेल छै गाछी

घटाटोप फेर केने आबै आइ ने छोड़तै अदरा
पोखरि-झाँखरि नदीकेँ भरतै आबि गेलैए बदरा

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