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सोमवार, 18 मार्च 2013

बाल रुबाइ

बाल रुबाइ-31

जोतल खेतमे दौड़ैत बड खेललौं
लागल चोट नै जँ ठोकरसँ खसि पड़लौं
लागल मोन एते चिड़ियाँ एतऽ जते
कसरत भेलै हमर अहाँ सूतल रहलौँ


बाल रुबाइ-32

कदिमाक लत्ती भरि बाड़ीमे लतरल
हरियर हरियर सजिमनि चारपर लटकल
कतऽ जाकऽ खेलब मारै छी हम छक्का
सदिखन हमर गेन तँ लत्तीमे अटकल 

बाल रुबाइ-33

हरियर पियर काँच पाकल मिठका आम
बिज्जू मालदह लाले सिनुरिया आम
झटहा मारै दाइ झटहा उपर लटकल
खसबो केलै तँ कौआक जुट्ठा आम आम
बाल रुबाइ-34


ऐ गाछसँ ओ गाछपर कूदै बानर
जामुन तोड़ि तोड़ि फेर फेकै बानर
टूटल ठाढ़ि तँ खसलै धम्म दऽ माटिपर
चोटो खा फेर गाछपर चढ़ै बानर

बाल रुबाइ-35

छै जंगलापर ठाढ़ बौआ छऽड़ पकड़ि
बाहरक फूल तोड़ऽ चाहै हाथ नमरि
छै खेल रहल गाछ बौआ संग खेल
रगड़ा लऽ हवासँ दूर भऽ जाइ छै सम्हरि
बाल रुबाइ-36


नेना टहलै जुत्ता बाजै पोँ पोँ कऽ
सुनिते पाछू ताकै अटकी- मटकी लऽ
देखै पाछू दौड़ै आगू तेँ खसल
कानै फेरो खाटक पौआ जोरसँ धऽ

बाल रुबाइ-38

डबरा भरल कुम्भी बेँग कुदै ताहिपर
गेना गाछ भरिगर कुकुर मुतै ताहिपर
आदति चलते सब बाझल एक्कै ठाम
राँगल छल कोठी बिलाइ सुतै ताहिपर

बाल रुबाइ-39

जागल सुरुज लाल भऽ भेलै आब भोर
सोना हमर चान आब बिछौना छोड़
तोरा लेल राखल छौ हलुआ पूरी
नैना खोलि देख छै कुसियारक पोर


बाल रुबाइ-40

बुचियाक हँसी बुझू सिंगरहार फूल
आँखिक नटखटपन छै नेनपनक मूल
बाजब कने तोतराह मुदा बड मधुर
नै नजरि लागै ककरो नै गड़ै शूल

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