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सोमवार, 18 मार्च 2013

बाल रुबाइ

बाल रुबाइ-बाल रुबाइ-21

हारल तेँ केओ गोस्सासँ झगड़ैए
केओ बस अपन बारी लेल लड़ैए
कखनो युद्ध स्थल बनि जाइ छै दलान
कखनो बाल मीत प्रेम रूप धरैए




बाल रुबाइ-22
(बिन मौसम गाछीक इयाद)

पाकै बिज्जू चल चल गाछी ओगरब
मालदहक तरमे ऊँच मचान बान्हब
जखने कौआ लोल मारत डंटीपर
खसतै सुपक तँ हम झट दऽ चोभा मारब
बाल रुबाइ-23

कोरामे खरहा लऽ कऽ हाथमे गाजर
बौआ निकललनि मटकैत घरसँ बाहर
लागल ठेस कतौ गाजर फेका गेल
जा धरि उठलनि खरहा खा गेल असगर


बाल रुबाइ-24

भोरे गाछपर लाल फूल शोभै छै
फूलाएल फूलपर तितली उड़ै छै
दू टा अरहुल आ दू टा गुलाब लऽ चल
खेलब किछु संग किछु पोथीपर चढ़ै छै
बाल रुबाइ-25


एलै ककाक कोजगरा बहुत मखान
चल खीर खेबै संगमे हरियर पान
नवका कपड़ा एलै सकल परिवारक
तैमे हमर ब्लू जीँस नीक छै समान



बाल रुबाइ-26

घरपर बैसल रहब नीक जाड़ एलै
सीरक तऽर तँ खेलब नीक जाड़ एलै
बढ़ियाँ भोजन आ शीतलहरी चलतै
सब मिलि घूर तापब नीक जाड़ एलै




बाल रुबाइ-27

धानक बालि लाबें सामा खेलै छी
चुगला आइ जाड़ें सामा खेलै छी
भैया दिअ प्रेम बहिन मागि रहल छै
भैया बेढ़ बनबेँ सामा खेलै छी



बाल रुबाइ-28

बेँगक हल्ला अभरैत पोखरि कातसँ
सुग्गा भजन गाबैत अढ़ भेल पातसँ
थारी उगल पूबमे पैघ टा एखन
नव उर्जा भरल पवन बहै छै प्रातसँ


बाल रुबाइ-29

रोटी दूध गूड़ि कऽ खुआ दिअ ने आब
हमरो गरम कऽ तेल लगा दिअ ने आब
गोदीमे बैसा खिस्सा कहू बाबी
हमरो नीक नेना बना दिअ ने आब


बाल रुबाइ-30

गामक भोज बैसल पाँतिमे बाबा लऽग
फाटल पात छल दालि बहलै लोटा लऽग
तरकारी पापड़ चटनी सब सना गेल
हम कानै छी बैसल दहीक तौला लऽग

21

हारल तेँ केओ गोस्सासँ झगड़ैए
केओ बस अपन बारी लेल लड़ैए
कखनो युद्ध स्थल बनि जाइ छै दलान
कखनो बाल मीत प्रेम रूप धरैए




बाल रुबाइ-22
(बिन मौसम गाछीक इयाद)

पाकै बिज्जू चल चल गाछी ओगरब
मालदहक तरमे ऊँच मचान बान्हब
जखने कौआ लोल मारत डंटीपर
खसतै सुपक तँ हम झट दऽ चोभा मारब
बाल रुबाइ-23

कोरामे खरहा लऽ कऽ हाथमे गाजर
बौआ निकललनि मटकैत घरसँ बाहर
लागल ठेस कतौ गाजर फेका गेल
जा धरि उठलनि खरहा खा गेल असगर


बाल रुबाइ-24

भोरे गाछपर लाल फूल शोभै छै
फूलाएल फूलपर तितली उड़ै छै
दू टा अरहुल आ दू टा गुलाब लऽ चल
खेलब किछु संग किछु पोथीपर चढ़ै छै
बाल रुबाइ-25

एलै ककाक कोजगरा बहुत मखान
चल खीर खेबै संगमे हरियर पान
नवका कपड़ा एलै सकल परिवारक
तैमे हमर ब्लू जीँस नीक छै समान


बाल रुबाइ-26

घरपर बैसल रहब नीक जाड़ एलै
सीरक तऽर तँ खेलब नीक जाड़ एलै
बढ़ियाँ भोजन आ शीतलहरी चलतै
सब मिलि घूर तापब नीक जाड़ एलै




बाल रुबाइ-27

धानक बालि लाबें सामा खेलै छी
चुगला आइ जाड़ें सामा खेलै छी
भैया दिअ प्रेम बहिन मागि रहल छै
भैया बेढ़ बनबेँ सामा खेलै छी



बाल रुबाइ-28

बेँगक हल्ला अभरैत पोखरि कातसँ
सुग्गा भजन गाबैत अढ़ भेल पातसँ
थारी उगल पूबमे पैघ टा एखन
नव उर्जा भरल पवन बहै छै प्रातसँ


बाल रुबाइ-29

रोटी दूध गूड़ि कऽ खुआ दिअ ने आब
हमरो गरम कऽ तेल लगा दिअ ने आब
गोदीमे बैसा खिस्सा कहू बाबी
हमरो नीक नेना बना दिअ ने आब


बाल रुबाइ-30

गामक भोज बैसल पाँतिमे बाबा लऽग
फाटल पात छल दालि बहलै लोटा लऽग
तरकारी पापड़ चटनी सब सना गेल
हम कानै छी बैसल दहीक तौला लऽग

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