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सोमवार, 11 मार्च 2013

बाबाकेँ

बाल कविता-2
बाबाकेँ

मोटका लाठी बाबाकेँ
बड़का बाटी बाबाकेँ
घर आँगन गुँजि रहल
प्रेम भरल हँसी बाबाकेँ

भरल चुनौटी बाबाकेँ
कान कनैठी बाबाकेँ
नव नव सबकसँ छै भरल
सबटा देल पोथी बाबाकेँ

कुर्ता -धोती बाबाकेँ
कण्ठीक मोती बाबाकेँ
एखनो सबटा इयाद अछि
खिस्सा-पिहानी बाबाकेँ

डाँर झूकल बाबाकेँ
दाँत टूटल बाबाकेँ
कहिया एथिन भगवान घरसँ
कते साल भेल देखल बाबाकेँ

अमित मिश्र

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