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शनिवार, 25 मई 2013

गजल

आइ हम कतऽ छी देखऽ चाहै छी घुमि कऽ जमानामे देखू
नवका भारत कतऽ बसल छै जा कऽ मयखानामे देखू

केउ किए कहै छी जे हमर देश गरीबक देश अछि
अमिरी देखबाक अछि तऽ मंदिरक तहखानामे देखू

जुनि कहू जनता भोजनक अभावमे भूखल सुतै छै
भोजन देखबाक अछि तऽ वियाहक समियानामे देखू

जुनि कहू लोक दुखमे मरै छै , खुशी देखबाक अछि तऽ
श्मशानमे शराब उड़ैत अबीर बाजैत गानामे देखू

केउ किए कहै छी कश्मीर एहि धरती परक स्वर्ग छै
जँ नरक देखबाक अछि तऽ गोली कए निशानामे देखू

भारत भूतकालसँ सोना कए चिड़ियाँ कहल जाइ छै
कोयलाक चिड़ियाँ देखबै राजनीतिक घरानामे देखू

जे किछु देखबाक भेटल एहि ठाम वएह लिखने छी
अमित दर्द देखबाक अछि किसानक ठिकानामे देखू

वर्ण-21
अमित मिश्र

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