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बुधवार, 26 जून 2013

खिचड़ी

विहनि कथा-105
खिचड़ी

शिक्षा विभागक अध्यक्ष इस्कूलक दौरापर निकललनि ।एकटा इस्कूलपर छात्रक संख्याँ देख हेडमास्टरपर तमसा गेलाह ।फेर छात्रक कमीक मादे सब छात्रसँ कारण पुछलनि ।एकटा छात्र ठाढ़ भऽ उत्तर देलकनि "सर, एहि इस्कूलक सब बच्चा प्राइभेटमे पढ़ैत अछि ।"
अध्यक्ष महोदय कहलनि "हम कपड़ा, पोथी आ भोजन दै छीयै तखन सब प्राइभेटमे किए जाइ छै ?"
"सर, हमरा सबकेँ भूख लागल अछि, पढ़बाक भूख ।पेटक भूख तँ घरपर शान्त भऽ जाइत अछि मुदा ज्ञानक भूख प्राइभेटेमे भेटै छै ।हमरा नीक शिक्षक चाही, खिचड़ी नै ।जँ दऽ सकी तँ बाजू " ओहि छात्रक ई बात सूनि अध्यक्ष महोदय अवाक रहि गेलाह ।

अमित मिश्र

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