प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

शनिवार, 13 जुलाई 2013

अल्लू जी लल्लू जी

बाल कविता-83
अल्लू जी लल्लू जी

सेन्ट-पेन्ट रचि-रचि साज-श्रृंगार
अल्लू जी, लल्लू जी गेलनि बजार
बीच्चे बजारमे हलुवैया दोकान
गमलामे साजल रंगबिरही मिष्ठान
अल्लू जी लऽग नै एक्को रूपैया
लल्लू जी खेतथि कोना मिठैया
चोरीसँ अल्लू जी हाथ बढ़ेलनि
एकटा रसगुल्ला जखने उठेलनि
दोसर हाथसँ बिढ़नी उड़ेलनि
काटलक बिढ़नी लोहछि चिचियेलनि
अल्लू जी, लल्लू जी भागल जाइ
पाछूसँ बिढ़नी खेहारने छै भाइ
काटि काटि बिढ़नी फुलेलकै तुम्मा
जोरसँ हँसि देलकै बौआ गुम्मा

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें