बाल कविता-85
पिकनिक
चलू भैया चलू दीदी आइ पिकनिक हम जेबै
खेलब-कूदब लंगड़ी-घोड़ी बिन पटरी ट्रेन चलेबै
चढ़तै रौद फेर धिपतै देह तँ गाछ तऽर सुस्तेबै
अटिया-पटिया बिछा कातमे गीत-कविता सुनेबै
कूदतै मूसा जखन पेटमे भोजन दिश दौड़ लगेबै
डिब्बा-डिब्बी खोलि-खालि कऽ अत्ता-पत्ता बिछेबै
दही-चूरा, पूरी-तरकारी, बुनिया-रसगुल्ला सजेबै
मम्मी-पापा-भैया-दीदी चारू कात बैस जेबै
हँसैत-गाबैत भोजन करबै फेरो खेल खेलेबै
जखन सूरज सूतऽ जेतै हमहूँ सब घर चलि एबै
अमित मिश्र
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