प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

गुरुवार, 1 अगस्त 2013

घोड़ाक चप्पल

बाल कविता-92
घोड़ाक चप्पल

मोटगर डटगर एकटा घोड़ा
किनकल चप्पल दू-दू जोड़ा
एकटा चश्मा एकटा हार
एकटा टोपी छै रोलदार
एकटा बात बाताबें बौआ
देबौ कुल्फी पौआ-पौआ
जँ किनलक सब बस्तु एक
चप्पल किए जोड़ा देख ?
बेसी मगज लगा नै अप्पन
चारि पएर तेँ चारि चप्पल

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें