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मंगलवार, 13 अगस्त 2013

मास्टर

134. मास्टर

"आइ नै छोड़बौ...अभगली टाका लागै छै हमर आ करेज टुटै छै तोहर ... सब मिरगी आइ झाड़ि देबऽ..." माए चण्डीक अवतार बनि सोहल वर्षिय बेटीकेँ खोरनाठी लऽ पिटैत छलीह ।बेटी बेर-बेर कहैत छलै, हम ओहि मास्टरसँ नै पढ़बौ ।माए मानै लेल तैयार नै छलै ।माए चिकरैत बाजलीह "गै कुतिया, तोरा की जाइ छौ? एक बात जानि ले, इलाका भरिमे ओकरा एहन मास्टर नै भेटतौ ।ओकरा एहन पढ़ाइ किओ नै पढ़ेतौ ।"
माएक बात सूनि बेटी व्यँग्य करैत बाजल" हँ हँ ओकरा एहन तँ किओ नै पढ़ेलकै ।किए तँ ओकरा जेना गाल किओ नै मचोरै छलै आ ओकरा जेना छातीपर हाथ किओ ... "

अमित मिश्र

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