चलू सखी मिल जुलि मैयाक आँगन
सब मिल करबै प्रणाम हे
दस रंग फूल शोभै चुनरी त्रिशुल शोभै
डाला साजल दुइभ धान हे
चलू सखी. . .
मैयाक आँचर तर सबसँ सुरक्षित घर
लूरि-बुधि पाबैछ संतान हे
चलू सखी . . .
जागू जागू अम्बे मैया आब उबारू नैया
"अमित" करैछ गुणगाण हे
चलू सखी . . .
© अमित मिश्र
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