161. जिम्मेदारी
"हे कने बाँहिमे तँ आउ ।"
"दुर जाउ ।अहाँकेँ केहनो लागैत नै अछि जे जखने-तखने शुरू भऽ जाइ छी..."
"... आ अहाँ सदिखन पड़ाइत रहै छी ।हे यै अहाँ हमर कनियाँ छी, मुदा देखियौ तँ हमरे कुकुर, हमरेपर झाँउ-झाँउ !"
"और नै तँ की !अहाँकेँ किछु लागैत अछि ?आब बौआक जिम्मेदारी माँथपर छै ।अहाँपर धियान देलासँ मात्र वर्तमान सुधरत मुदा बौआपर धियान देलासँ अपना दुनू प्राणीक भविष्य सुधरत ।"
"हँ, से तँ अछि ।ठीक छै जाउ, बौआकेँ देखियौ गऽ ।"
अमित मिश्र
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