दैया गै दैया नै किओ छै खेबैया
हम तँ भासल जाइ छी ,
बीचमे डूबल जाइ छी
करियै , की करियै कठोर भेलनि मैया
दैया गै दैया . . . . . . . .
कारी अन्हार राति हमरा डेराबए
मैया बिनु बेटा तँ टूअर कहा बए
करियै की करियै कठोर भेलनि मैया
दैया गै दैया . . . . . . . . . .
कलयुगी भीड़मे डूबि रहल छी
बिपतिक बोझहा तर दबि रहल छी
जिनगी ,आब लागै यै अपन बलैया
दैया गै दैया . . . . . ।
जागू हे जननी जगाबै यै दुनियाँ
आशक महल जुनि तोड़ियौ हे दुर्गा
हमरा उठाबू अपन कोर मैया
दैया गै दैया
अमित मिश्र
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