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रविवार, 28 सितंबर 2014

दुर्गा भजन- सबहक दुख अहाँ दूर करै छी

सबहक दुख अहाँ दूर करै छी
हमरा बेर मजबूर बनै छी
सबटा बात बताबू ने-2
सुनू यै दुर्गा मैया-2 हमरो आश पुराबू ने

नीचा मानव उपर देव सबके छी महामाई
हमरा पर नै नजर पड़ै ये, केहन छी हरजाई
कोन हमर जीवन कटतै-2
हमरा कने बताबू ने सुनू यै . . . . .

ऐ दुनियाँ के, पालक अहाँ, अहाँ सिरजनहार यै
सूनि रहल छी लोकक मुँहें, जीवनक छी आधार यै
कोना विपदा पार लगेबै-2 कनिये सोचि बताबू ने
सुनू यै . . , . . .

अम्बे आब नैना खोलियौ, आबियौ छोड़ि पहाड़ यै
टुअर बेटा अमित माँ कानय, सुनियौ करुण पुकार यै
आब नै दुखरा काटल जेतै-2 एक्के झलक देखाबू ने
सुनू यै दुर्गा . . .

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