बाल कविता- 179
वर्णणाला : ओ
'ओ'सँ ओरहा सोन्ह लगैए
खाइमे बहुते मोन लगैए
मकइक दाना दुधगर दुधगर
तोड़ि आनलियै नम्हर नम्हर
आगिक जखने धाह सटैए
खाइमे बहुते मोन लगैए
ललकी-करिकी भेलै दाना
खाइ छथि मामी नानी नाना
जखने नेबो-नोन सटैए
खाइमे बहुते मोन लगैए
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