बाल कविता -187
वर्णमाला : ङ
'ङ' केर पूछू जुनि हाल
एहिसँ शब्दक बड़ा अकाल
एसगर बैसल सटि देबाल
बिना मेल केर छै कंगाल
ड करै जँ ठोप्पा-चानन
ङ केर अभरै छै आँगन
अन्तमे जा करै योगासन
क घरक छै, खूब कमाल
ङ केर पूछू जुनि हाल
ङ टुगर बनि नै रहतै
परी लोकसँ झूला एतै
चन्नापर जा खूब झुलेतै
खुशी मनायत करत धमाल
ङ केर पूछू जुनि हाल
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें