बाल कविता-171 वर्णमाला- उ
'उ'सँ उख्खरि लकड़ीके बिका रहल दस नमरीके समाँठ बजारब हऽनि कऽ धान कुटेतै तानि कऽ गहूँम मकइ आ राहरि तीसी सबकेँ कुटतै उख्खरि बीसी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें