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मंगलवार, 9 जून 2015

वर्णमला : उ (दू)

वाल कविता-172
वर्णमाला : उ


'उ'सँ उल्लू राति कऽ आबय
जोरसँ बाजय खूब डेराबय
छोट छोट सन एकर चोंच
ठाढ़िक नै लागै छै खोंच
मारय मूसा खाइये माँउस
अन्हारोमे ई देखय सौँस
लक्ष्मी जीक इएह सवारी
माँथ भरल छै बड बुधियारी


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