बाल कविता- 170 वर्णमाला : ई
'ई' सँ ईश्वर बाबा कुशेश्वर महाशिवराति खेला खेलाइत चढ़ि कऽ ठेला चलै चलब मेला कीन लेब फुक्का पाइ बला चुक्का चश्मा लगेबै पिपही बजेबै ईश्वरकेँ गोर लागि घर घुरि एबै
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