प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

रविवार, 7 जून 2015

वर्णमाला : ई

बाल कविता- 170
वर्णमाला : ई


'ई' सँ ईश्वर
बाबा कुशेश्वर
महाशिवराति
खेला खेलाइत
चढ़ि कऽ ठेला
चलै चलब मेला
कीन लेब फुक्का
पाइ बला चुक्का
चश्मा लगेबै
पिपही बजेबै
ईश्वरकेँ गोर लागि
घर घुरि एबै


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें