बाल कविता- 206
वर्णमाला : फ
"फ"सँ फटक्का आनि दिअ
आनि दिअ आइ कक्का यौ
छठि दिवाली आबि रहल छै
आनू फुलझड़ी चक्का यौ
बुलेट हाइड्रो आ मिरचैया
आनू अहाँ अकासी यौ
नागिनके दू-चारि टा पैकेट
संगे छुरछुरी पचासी यौ
हुक्का-पाती बनबे करतै
बना दिअ एक लुक्का यौ
छठि दिवाली आबि रहल छै
आनि दिअ आइ कक्का यौ
हाथ बचा कऽ फोड़ब सबटा
लगा कऽ लुत्ती भागब यौ
घर-दुआरिसँ दूरे हम रहब
जान बचा कऽ खेलब यौ
देखू अकासी उड़लै कोना
जेना धौनीक छक्का यौ
छठि दिवाली आबि रहल छै
आनि दिअ आइ कक्का यौ
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