नव भगवती गीतक किछु अंश
दुर्गा किए बैसल छेँ तूँ, पहाड़ पर जा कऽ
बेटा कहै छौ आबें ने, डोली कने सजा कऽ
कह ने भेलै की गलती, जे रूसलें एना कऽ माइ
ममता बिना आइ जननी गे, जिनगी भेलै दुखदाइ
आंगुर पकरि बुला दे माँ, सबटा कमी क्षमा कऽ
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