प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2015

वर्णमाला : र

बाल कविता -212
वर्णमाला : र
'र'सँ रसगुल्ला गोल गोल
राखल घरमे भरि भरि डोल

बड़की दीदी कनियाँ बनतै
पिपहू बला बजनियाँ एतै
बाजतै ढम ढम बड़का ढोल

एलखिन भैया टेन्ट सजा कऽ
एतै बरियाती सेन्ट लगा कऽ
एथिन झाजी बड अनमोल

फोड़ब फटक्का अकासी बम
भतखइ बेरमे परसब हम
खेतै बरतिया रसगुल्ला गोल
कऽ देतै खाली सबटा डोल

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें