काज करब नै हम अधलाह नै करब दुखमे हम आह नै लागय घृणा केर धाह तखने जग करतै वाहवाह प्रेम मनुखक पहिल निशानी नै बनब कहियो अभिमानी मनुखता केर बनब अभियानी जग पढ़तै त हमर कहानी
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