प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

मंगलवार, 23 मई 2017

पप्पा जी यौ पप्पा जी

बाल कविता-263

पप्पा जी यौ पप्पा जी
कीन दिअ गोलगप्पा जी

देखिते मुँहमे आबय पानि
एकरा खाइमे नहियें हानि
खटगर नुनगर पप्पा जी
पप्पा जी यौ पप्पा जी

चोखा संगे तिखगर पानि
नोर खसय नै तकर मानि
बेसी खाइ के पप्पा जी ?
पप्पा जी यौ पप्पा जी

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें