अझुका रचना- बाल कविता
283.
कविता एगो बनाबी
भाषाक घंटीमे आउ ने
कविता एगो बनाबी
किछु जोड़ी किछु घटबी आ
तुकसँ तुककेँ मिलाबी
लाल चिड़ैयाँ ओहिमे आबै
तकरा चाउर खुआबी
परी लोकसँ लाल परीकेँ
एहि कवितामे बजाबी
अक्षर सबटा मोट लिखल हो
भावकेँ सरल बनाबी
छोट बच्चा लए छोटका रचना
रचि क' आइ देखाबी
अपन सुख-दुख ओहिमे आबै
इच्छा अपन जताबी
खाली समयमे बैसल बैसल
लयसँ ओकरा गाबी
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