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मंगलवार, 11 जून 2013

देखाउँस

91. देखाउँस

कालेजक छात्रावासमे हड़कम्प मचल छल ।सभक चेहरापर भय साफ-साफ झलकि रहल छल ।बातो तेहने छलै ।चारि टा छात्र सामुहिक आत्महत्या केने छल ।हत्याक कारण बतेने छल अपन माए-बापकेँ ।सुसाइड नोटमे लिखने छल " हम नै चाहै छलौं जे डाक्टर बनी ।हमरा बिजनेसमे मोन लागै छल, मुदा हमर जन्मदाताकेँ देखाउँस लागल छलन्हि ।यादब जीक बेटा डाक्टर छै तँ हमहूँ बनि जाएब ई कोनो जरूरी तँ नै छै ?डाक्टरी हमरासँ नै सम्हरल ।छोड़ितौं तँ घरसँ दबाड़ल जैतए।ई समाज फेल्योर कहितए तेँ हम अपन जीवन तियागि रहल छी ।"
सब छात्रक माए-बाप आब अपन देखाउँसक एते भयानक परिणाम देख अपन गलतीक अनुभव कऽ रहल छलाह ।

अमित मिश्र

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