प्रिय पाहुन, नव अंशु मे अपनेक हार्दिक स्वागत अछि ।

मंगलवार, 16 जुलाई 2013

मेघ राजा जल्दी आ

बाल कविता-86
मेघ राजा जल्दी आ

मेघक राजा जल्दी आ
बाल्टी भरि भरि पानि ला
सुखलै आम, मौलाएल लताम
मरल जन्तुकेँ आबि जिया
मेघक राजा जल्दी आ

पियासल धरती कानै छै
सूरज सीमा फानै छै
मोर-मोरनीकेँ आब नचा
बेंगक सऽख जल्दी पुरा
मेघ राजा जल्दी आ

देबौ तोरा दूध-भात
तिलकोरक तरूआ भरल पात
झट बिजुरी चमकेने आ
गड़-गड़ शोर मचेने आ
सूरजकेँ ठण्ढेने आ
गर्मी दूर भगेने आ
मेघ राजा जल्दी आ

अमित मिश्र

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें