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मंगलवार, 25 नवंबर 2014

ठोर किए लाल

बाल कविता-136
ठोर किए लाल

बाज सुगा बाज तोहर ठोर किए लाल
गर्दनिमे चेन्ह किए हरियर छौ गाल

भोरे उठै छें, राम-राम करै छें
लोङिया मिरचाइ किए खूबे चुसै छै
पड़ल रहौ किए मिसरीक थाल
बाज सुखा बाज तोहर ठोर किए लाल

छोटका पिंजरबामे पंखिया उराबें
किओ किछु बाजै तूँ तकरे दोहराबें
दै छें जबाब नै, उनटे सवाल
बाज सुगा बाज तोहर ठोर किए लाल

हमरे बाट तूँहूँ ताकिते रहै छें
आबियौ नै लग तँ हल्ला करै छें
दुनू गोटाक छै बैसल सुर-ताल
बाज सुखा बाज तोहर ठोर किए लाल

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