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मंगलवार, 23 दिसंबर 2014

बचबू पानि


बाल कविति-146
बचबू पानि

आनी मूनी किछु नै जानि
बचबू पानि बचबू पानि
पानियेसँ जीवनक मानि
बचबू पानि बचबू पानि

पानि बिना नै पाकय भोजन
पानि बिना नै होइ असनान
पानि बिना नै गाड़ी चलय
पानि बिना नै पूजा-ध्यान
कानियें बदलू अपन बानि
बचबू पानि बचबू पानि

नल नै बेसी खुलल रहय
उचित कुल्ला उचित असनान
तरकारीक धोलहा जलकेँ
गाछकेँ दऽ बचैयौ प्राण
सूतल रहू नै चद्दरि तानि
बचबू पानि बचबू पानि

बहुत जरूरी गाछ लगायब
पढ़ू पर्यावरण विज्ञान
गाछ कराओत वर्षा-बुन्नी
ओहि जलकेँ करू जुटान
जल संरक्षणक विधि जानि
बचबू पानि बचबू पानि


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