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गुरुवार, 1 जनवरी 2015

आबि गेलै फेर नवका साल


सब अग्रज, अनुज आ मित्रकेँ नव सालक हार्दिक मंगलकामना संग ई रचना परसि रहल छी

बाल कविता- 153
आबि गेलै नवका साल

नवका बूसट खूब कमाल
आबि गेलै फेर नवका साल

पिछला सालक गलती छोड़ि
नव साल संग नाता जोड़ि
देब रिजल्ट खूब बबाल
आबि गेलै फेर नवका साल

नया कलेण्डर नया दिवस
नवका छुट्टी ठस्सम ठस
फेर दिवाली होली लाल
आबि गेलै फेर नवका साल

चिंकी पिंकी शालू सलमान
मैसेजपर देने छै ध्यान
ग्रीटिंग केने बड़ा धमाल
आबि गेलै फेर नवका साल

तरूआ पापड़ हलुआ पूरी
मटन-मांस आ माछक मूरी
चाट चाउमिन करय कमाल
आबि गेलै फेर नवका साल

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