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शनिवार, 3 जनवरी 2015

आबें मम्मी आबें गै



बाल कविता-154
आबें मम्मी आबें गै

आबें मम्मी आबें गै
कनिञो नै अलसाबें गै
चूड़ीबाला आयल छौ
चूड़ी आरो पायल छौ
बलहा बाली कीनै छौ
मोटकी छौड़ी छीनै छौ
हमहूँ लेबौ अगता
बाला आ अलता
पीन्ह-ओढ़ि चलबौ
खूब सुनर लगबौ

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