बाल कविता-165
नाचि रहल अछि धरती
नाचि रहल अछि चान
कोइली गाबय बधैया
झिंगुर मिलबय तान
भालू बजबय तबला
बानर पीटय ड्राम
पौरय महिंसबा दही
बनबय गाय मिष्ठाण
तरेगण बारय बत्ती
जुगनू संग हरान
शेर कुमार संग चलल
सब बरियाती तमाम
शेरनी कुमारीक वियाहमे
जुटल छै तीनू जहान
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