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रविवार, 26 जुलाई 2015

वर्णमाला : ड

बाल कविता-202
वर्णमाला : ड



"ड"सँ डमरू डम डम डम
नाच बनरिया छम छम छम
आ बजाबें ढोल ढोलकिया
करतै बहुते ढम ढम ढम

आइ इस्कूलमे एलै मदारी
संग बनरिया पहिरने साड़ी
ताहिपर चश्मा कारी कारी
देखै खातिर मारा-मारी
पहिले देखब हम हम हम
नाच बनरिया छम छम छम

जखने डमरू ढोल बजेलक
सुन्दर सुन्दर नाच देखेलक
बनरे संगे वियाह रचेलक
कनपटियेमे सेनूर देलक
हँसा हँसा कऽ लेलक दम
नाच बनरिया छम छम छम

अमित मिश्र


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