बाल कविता-201
वर्णमाला : ठ (दू)
"ठ"सँ ठनका ठनकै ठन ठन
बरखा संग करै छै दन दन
अकासे आइ कैमरा बनल छै
तें ने बिजली चमकि रहल छै
सगरो धरतीपर एक्के संगे
बहुते फोटो खीच रहल छै
तैपर हवा चलै छै सन सन
"ठ"सँ ठनका ठनकै ठन ठन
भागि पड़ेलै सब चुनमुन्नी
जखने पड़लै मोटका बुन्नी
कतौ खसतै ठनका एखन
डरसँ घरमे नुकेलै मुन्नी
खसलै पाथर बहुते कनकन
"ठ"सँ ठनका करै छै ठन ठन
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