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सोमवार, 21 दिसंबर 2015

मैथिली लप्रेक- निहारि लेबऽ दे

# मैथिली_लप्रेक

-की बात छै गे पारो, एना किए एकटक निहारि रहल छें ।
-नै ओहन सन किछु बात नै छै, बस ओहिना...
-की ओहिना ?तोरा तऽ ठीकसँ झूठो नै बाजल होइ छौ ।
-सुनलियौ जे तूँ पढै लेल दरभंगा जा रहल छें ।फेर कहिया देखबौ तोहर ई मुँह ।
-केहन बात करै छें ? पढ़लाक बाद तऽ तोरे केशसँ खेलाइके छै ।
-से के जानऽ गेलै ।अपन समाजमे बेटी पहिने जुआन भऽ जाइ छै ।जा धरि एबहीं ता धरि तऽ हमर...खैर छोड़ जिनगी भरि लेल आइये निहारि लेबऽ दे ।

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